जातक की आयु जब विवाह योग्य हो तो उसके लिए रिश्ते आने का योग तब बनता है जब पंचम भाव के स्वामी की महादशा या अन्तर्दशा या प्रत्यन्तर्दशा चले l
कुण्डली में यदि गोचर के बृहस्पति और शनि देव का कोई भी सम्बन्ध लग्न/लग्नेश से बन जाये तो भी रिश्ते आने का योग बनता है l
- लड़कों के लिए शुक्र देव की दशा – अन्तर्दशा का चलना तथा लड़कियों के लिए बृहस्पति देव की दशा – अन्तर्दशा का चलना भी रिश्ते आने का योग बनता है क्यूंकि लड़कों के लिए शुक्र ग्रह तथा लड़कियों के लिए बृहस्पति रिश्तों तथा शादी का कारक ग्रह माना जाता है l
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